नाउम्मीदी के बीचोंबीच फसा हूँ बवण्डर में, लोग देते हैं बस हौसला ,लेकिन क्या कर सकता हूँ अब डूबते हुए समंदर में! अब तो आपके बिना ही गिनता हूं अपने तारीख़े और दिन काग़जी कलेण्डर में! Father'sLove❤️ ©Deepak shahi #अपनीसिसकियाँ Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto