वो रात दर्द और सितम की रात होगी, जिस रात रुखसत उनक | हिंदी Shayari

"वो रात दर्द और सितम की रात होगी, जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी, उठ जाता हु मैं ये सोचकर नींद से अक्सर, के एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी….. ©Mohd Hisham"

 वो रात दर्द और सितम की रात होगी,
जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी,
उठ जाता हु मैं ये सोचकर नींद से अक्सर,
के एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी…..

©Mohd Hisham

वो रात दर्द और सितम की रात होगी, जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी, उठ जाता हु मैं ये सोचकर नींद से अक्सर, के एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी….. ©Mohd Hisham

#Sad💔 #sadsayari

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