White सैन्य छावनी मेरठ से,
हुंकार उठी आज़ादी की।
सन सत्तावन का दौर था वो,
जब झांसी की महारानी थी।
क्रांति की वो लहर थी जिसमे,
आज़ादी बस पानी थी।
सत्तावन से सैतालिस तक,
सबकी एक कहानी थी।
हां,, आज़ादी ही पानी थी,
हां आज़ादी जी पानी थी।
श्रद्धा ' मीरा '
©आगाज़
आज़ादी
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