बहुत बेचैन उदास ख़ामोश सा होता हूँ मैं, नींद से ज़्य
"बहुत बेचैन उदास ख़ामोश सा होता हूँ मैं,
नींद से ज़्यादा तेरे ख्याब आते जब सोता हूँ मैं।
क्यों नापते रहते हो मेरे चेहरे से ख़ुशी मेरी,
आँशु नहीं होते पर बहुत रोता हूँ मैं।
✍️Narya"
बहुत बेचैन उदास ख़ामोश सा होता हूँ मैं,
नींद से ज़्यादा तेरे ख्याब आते जब सोता हूँ मैं।
क्यों नापते रहते हो मेरे चेहरे से ख़ुशी मेरी,
आँशु नहीं होते पर बहुत रोता हूँ मैं।
✍️Narya