#MessageOfTheDay चलो हम कहीं जाएं
अपने ही भितर,
मन दर्पण की धूल को
आत्म निरीक्षण से साफ करे, बीते लोकडाउन के
समय जैसा मन फिर दुःखी तो ना हो।
बहार जाने हमारा जो मन तरफडा रहा था
जो बेवजह !,
भटकती आत्मा की तरह
इधर उधर घूमने की
आदत ही बना डाली थी, हमने
जो बेवजह !
©Rashmikant J Dave rjdave72
#Messageoftheday