जो कण कण में विराजे हैं, कि चारों धाम हैं जिसके कि | हिंदी कविता Video

"जो कण कण में विराजे हैं, कि चारों धाम हैं जिसके किशन, गिरिधर, मुरारी से अनेकों नाम हैं जिसके जो उनमें मन रमाता है, वही बैकुंठ पाता है वो मर कर भी नहीं मरता लबों पर राम हैं जिसके ©Pallavi Mishra "

जो कण कण में विराजे हैं, कि चारों धाम हैं जिसके किशन, गिरिधर, मुरारी से अनेकों नाम हैं जिसके जो उनमें मन रमाता है, वही बैकुंठ पाता है वो मर कर भी नहीं मरता लबों पर राम हैं जिसके ©Pallavi Mishra

#janmashtami #JAI_SHREE_KRISHNA #Hare_krishna_Hare_Ram

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