चप्पलों में धागे पड़ गए थे, जूतों के तलबे घिस गए थ | हिंदी Love
"चप्पलों में धागे पड़ गए थे, जूतों के तलबे घिस गए थे,
टूटे चस्मे से किताबों की लकीरें पढ़ते थे,
बूढी आँखों से मेरे लिए वो सपने देखते थे,
मेरे पिता अपनी जरुरतों को मेरी ख्वहिशों के बाद रखते थे।
शिवम✍️"
चप्पलों में धागे पड़ गए थे, जूतों के तलबे घिस गए थे,
टूटे चस्मे से किताबों की लकीरें पढ़ते थे,
बूढी आँखों से मेरे लिए वो सपने देखते थे,
मेरे पिता अपनी जरुरतों को मेरी ख्वहिशों के बाद रखते थे।
शिवम✍️