मौज में हैं सभी और रौनक है बाजर में, फूल सुहाने खि | हिंदी कविता

"मौज में हैं सभी और रौनक है बाजर में, फूल सुहाने खिलते है बसंत के बहार में ।। होकर उदास ये दिल पुकारने चला तुमको लौट आओं सनम, है सनम इंतेजार में।। ©सत्यम त्रिपाठी"

 मौज में हैं सभी और रौनक है बाजर में,
फूल सुहाने खिलते है बसंत के बहार में ।।
होकर उदास ये दिल पुकारने चला तुमको 
लौट आओं सनम, है सनम इंतेजार में।।

©सत्यम त्रिपाठी

मौज में हैं सभी और रौनक है बाजर में, फूल सुहाने खिलते है बसंत के बहार में ।। होकर उदास ये दिल पुकारने चला तुमको लौट आओं सनम, है सनम इंतेजार में।। ©सत्यम त्रिपाठी

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