अपने मन की कह नही पाती, तो कविता लिखती हूँ
अपने दिल को जब समझाती हूँ, तो कविता लिखती हूँ
दुनिया की भीड़ में खुद को जब तन्हा पाती हूँ, तो कविता लिखती हूँ
यादों की खुशबु से जब महकती हूँ, तो कविता लिखती हूँ
तुमहे जब कविताओं में सुन नहीं पाती, तो लिखती हूँ
दर्द को लिखती हूँ
प्यार को लिखती हूँ
जज्बात को लिखती हूँ
महसूस करती हूँ हर अहसास को, तो लिखती हूँ
अंजलि✍️✍️
©anjali anu