#समय_बदलता_गया_
और मै चलता गया
चलते-चलते डर और शंकाए जाती रही
साहस और आशाओ की बूंद भरती रही
टूटा था पर कमजोर नहीं
हिम्मत के आगे डर का जोर नहीं
सौ नाउम्मीदी पे एक उम्मीद भारी
क्या पता यहीं है तयारी
धीरे-धीरे हर एक पन्ना पलटता गया
हर एक दिन की कहानी लिखता गया
"मै"
चलता गया और
समय बदलता गया।
समय बदलता गया !!