चलने का भी एक अलग मजा है जिसके
न तो किसी मंजिल का पता हो और
न हीं जिसका कोई जाना पहचाना संगी साथी हो।
बस चलते जाना..... कौन जाने वो रास्ता
किस नए मुकाम तक पहुंचाए, किस अनजान
मुसाफ़िर से उम्र भर की पहचान करवा दे।
©Subh
अनजान रास्ते
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