लगाते हैं पर्दा, इश्क की निशानियों पर
कहीं कोई देख न ले, कितनी गहरी है ये
छुपाते हैं वो किताबें, जहां भी इश्क लिखा
कहीं कोई पढ़ न ले, जख्म मोहब्बत के
और तो और ये बातें जो लिखी, एकतरफा
फिर पढ़ने वाला भी मोहब्बत से डर जायेगा
पसंद भी आए अगर, कोई दिलकश आंखें
इश्क का सोचेगा मगर दिल मुकर जायेगा
ये कहानी है, जहां दिल बिना नसीब का है
यहां जिसे ढूंढेगा, वो सामने से गुजर जाएगा
©Shivam Veer
#Time