जिंदगी का क्या है, रुख मोड़ लेगी
आज रुला रही है, कल हंसा भी देगी
यह जिंदगी का सफर है,
इतनी आसानी से तुझे इस जहां में फना नहीं देगी....
यह इम्तिहान लेगी, फिर तुझे मौका भी देगी
बस रुकना मत, यह तुझे तेरी मंजिल तक पहुंचा भी देगी....
हर शख्स जो थमा है, जरूरी नहीं के वो थम गया हो,
हो सकता है कि वह थक गया हो....
हर थका हुआ इंसान फिर उड़ता है,
मौका देख कर फिर अपनी मंजिल का रास्ता ढूंढता है....
और रास्ता ढूंढते-ढूंढते वह इंसान उन ऊंचाइयों और गहराइयों में पहुंच जाता है
जहां से एक आम आदमी की सोच वाखिफ भी नहीं होती....
और यही काबिलियत होती है उस इंसान की,
के उसे कभी अपनी जिंदगी में फिर से पीछे मुड़कर देखना नहीं पड़ता....
©Anulai
यह कविता मैंने थके हुए इंसान के लिए लिखी है हारे हुए के लिए नहीं।
#Anulai
#zindagikerang