नादान हथेलियों की उलझी राहें
नादान हथेली में तुमको ढूंढते हैं।
किसी की आने की ना खबर है ना खबर थी,
पहाड़ों से आकर छूती हवा जो कयास भर थी।
सूरज की किरणे भी है जो मद्धम हो चली,
और एक आस को रात भर मझधार में खोजते हैं।
नादान हथेलियों की उलझी राहें,
नादान हथेली में तुमको ढूंढते हैं।
©Unofficialbeats
#Chhuan