White घर - घर में होने लगे, नारी का सम्मान।
जग अपना लगने लगे, सभी सुखों की खान।।
नवरातों के बाद जो, मान करै ना कोय।
अपने हाथ विनाश को, निकट बुलावै सोय।।
'शौक' शौक में देखिये, सुमिरन ना छुट जाय।
हरि साथै जो खेलिये, जन्म-मरण छुट जाय।।
कण-कण उनका वास है, सब सांसों में वोहि।
छण-छण उनका नाम ले, मनगति थिर तब होहि।।
घर - घर में होने लगे , जगराते हरि बोल।
हृदपट भी खुलनें लगें , जै मां जै मां बोल।।
©Shiv Narayan Saxena
#good_night घर-घर में होने लगे.....