"गोविन्द अब नही आने वाले"
:-भाटी जैसलमेर (सूर्यवीर सिंह भाटी)
Ecb ME1st year
सूरज आज भी निकला है,
पर ये दिन बड़ा ही काला दिखता है,
उसकी चीखों से दहक उठा,
संसार समस्त ये सारा है।
सुन ओ लाडो,
तलवार उठा तू,
गोविन्द नही आने वाले,
भुजंग विहिन कर उस रिपु को,
जो तेरी तरफ हाथ बढ़ाता है।
आज के युग मे क्योंकि कोई ,
चीर नही बढ़ाता है।
काली का अवतार धर तू,
क्योंकि गोविन्द नही आने वाले,
चेनम्मा या झांसी वाला,
प्रताप शिवा सा शौर्य धर तू,
सुन ओ लाडो ,
करधनी नही कृपण धर तू,
काजल नही नैनो में अग्नि धर तू
क्योंकि गोविन्द नही आने वाले,,,,,।।।