हज़ार ख़्वाहिशों का बोझ लिए चलते हैं, क्योंकि हम किस

"हज़ार ख़्वाहिशों का बोझ लिए चलते हैं, क्योंकि हम किसी और के लिए सोचा करते हैं (Arpit झा)"

 हज़ार ख़्वाहिशों का बोझ लिए चलते हैं, क्योंकि हम किसी और के लिए 
सोचा करते हैं
(Arpit झा)

हज़ार ख़्वाहिशों का बोझ लिए चलते हैं, क्योंकि हम किसी और के लिए सोचा करते हैं (Arpit झा)

#किसी और के लिए सोचा करते हैं

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