बहुत से जोखिम रहे नन्दलाल के बचपन में जानकर भी अन | हिंदी कविता

"बहुत से जोखिम रहे नन्दलाल के बचपन में जानकर भी अनजान बने रहे योगेश्वर कृष्ण थे कितनी तकलीफें आती है जिंदगी में क्या क्या नहीं खोया आकर दुनिया में कभी गौर से श्री कृष्ण के दिल की सुने गिरधर गोपाल ने सिखाए जीने के तरीके हम तो पाने और खोने के भेद को ही नहीं समझे कृष्ण ने तो पाकर भी खोने के दर्द ताउम्र ही सहे बबली गुर्जर ©Babli Gurjar"

 बहुत से जोखिम रहे नन्दलाल के बचपन में 
जानकर भी अनजान बने रहे योगेश्वर कृष्ण थे
कितनी तकलीफें आती है जिंदगी में 
क्या क्या नहीं खोया आकर दुनिया में 
कभी गौर से श्री कृष्ण के दिल की सुने
 गिरधर गोपाल ने सिखाए जीने के तरीके 
हम तो पाने और खोने के भेद को  ही नहीं समझे
कृष्ण ने तो पाकर भी खोने के दर्द ताउम्र ही सहे
बबली गुर्जर

©Babli Gurjar

बहुत से जोखिम रहे नन्दलाल के बचपन में जानकर भी अनजान बने रहे योगेश्वर कृष्ण थे कितनी तकलीफें आती है जिंदगी में क्या क्या नहीं खोया आकर दुनिया में कभी गौर से श्री कृष्ण के दिल की सुने गिरधर गोपाल ने सिखाए जीने के तरीके हम तो पाने और खोने के भेद को ही नहीं समझे कृष्ण ने तो पाकर भी खोने के दर्द ताउम्र ही सहे बबली गुर्जर ©Babli Gurjar

वंदना .... @Mili Saha भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन @Anshu writer @R. Ojha @Bhardwaj Only Budana

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