White शून्य को मौन समझने वालाें
शुन्य का शोर न सुन पाओगें
धरे रह जाएंगे; तर्क तुम्हारे सारे
जब तुम उसको बोलता हुआ पाओगें
है वह क्या चीज !
ये तुम जान नहीं पाओगें-
मौन को उसके तुम पहचान नहीं पाओगें
व्यर्थ को अनमोल बनाने का हूनर है उसमें
समय का चक्र घूमाने का हूनर है उनमें
है वह रिक्त स्वयं में तो हुआ क्या?
पूर्णता को तुम उसकी जान नहीं पाओगें
अर्थहीन हो जायेंगे; ज्ञान तुम्हारे सारे
शून्य का सार; जब तुम समझ जाओगें
धरे रह जायेंगें; तर्क तुम्हारे सारे
जब तुम उसको बोलता हुआ पाओगें...
रियंका आलोक मदेशिया
©Riyanka Alok Madeshiya
#शून्य