इरादा
हमारा इरादा तो कुछ भी ना था
तुम्हारी निगाहो ने पागल किया
पने का शौकीन में पेहले ना था
तुम्हारी जाम-ए-इश्क ने पिला दिया
हमारा इरादा तो.....
साथ किसीका भी मुझे पसंद नही था
मगर तुमने मुझे हम साथी बना दिया
मेरी पंसदे भी कुछ अलगसी थी
पर तुमने मुझे अपनी पसंद का बना दिया
हमारा इरादा तो.....
वैसे बोलते भी हम ज्यादा किसीसे नही
मगर तुमने खामोश बैठे इंन्सान को बोलता बना दिया
किसी भी बात या चिच में रस नही लेते थे हम,
मगत तुमने रसहीन में ही रस मिला दिया
हमारा इरदा तो...
इतनी जल्दी तो हम पिघल नही,जाते किसी की बातों में
मगर तुमने मुझ पर नजाने क्या जादू कर दिया
चंद लम्हो में तुम ने मुझे अपना बना लिया
हर्ट ब्रोकन डायरी
प्रदिप वाघमारे
हर्ट ब्रोकन डायरी