"दिल-ए-जहां मे छुपा रखी है
मैने तस्वीर उसकि
देखने की तो हिम्मत नहीं
बस याद कर लेता हूं यादों मे
जो यादें पड गई है धुंधली
उन धुंधली यादों में भी दिखता है
सब साफ मुझे
लेकिन हर बार वो मुझसे रहती
है छुपती"
दिल-ए-जहां मे छुपा रखी है
मैने तस्वीर उसकि
देखने की तो हिम्मत नहीं
बस याद कर लेता हूं यादों मे
जो यादें पड गई है धुंधली
उन धुंधली यादों में भी दिखता है
सब साफ मुझे
लेकिन हर बार वो मुझसे रहती
है छुपती