आँखों के रस्ते दिल तक पहुँचते किसी सुकून-सी, क्षित | हिंदी कविता Video

"आँखों के रस्ते दिल तक पहुँचते किसी सुकून-सी, क्षितिज में बिखरते अद्भुत इंद्रधनुषी रंगों सी तुम हो। सर्दी के दिनों में मेरे तन-मन को हर्षित करती हुई, हाँ... उसी सुनहरी, खिली, गुनगुनी धूप-सी तुम हो। तपती गर्मी की दुपहरी में अंतर्मन को ठंडक देती, लहराती, सरसराती उस चंचल मलय-सी तुम हो। तन को भिगोती हुई अंतर्मन को भी आर्द्र करती, बरखा में रिमझिम बरसती हुई फुहारों-सी तुम हो। सुनो "मीन" मुझे मुझसे चुरा कर ले गई हो बहुत दूर, लगता है तुम में तुम-सी और मुझ में मुझ-सी तुम हो। ✍️मीना सिंह "मीन" स्वरचित, नई दिल्ली ©Meena Singh Meen "

आँखों के रस्ते दिल तक पहुँचते किसी सुकून-सी, क्षितिज में बिखरते अद्भुत इंद्रधनुषी रंगों सी तुम हो। सर्दी के दिनों में मेरे तन-मन को हर्षित करती हुई, हाँ... उसी सुनहरी, खिली, गुनगुनी धूप-सी तुम हो। तपती गर्मी की दुपहरी में अंतर्मन को ठंडक देती, लहराती, सरसराती उस चंचल मलय-सी तुम हो। तन को भिगोती हुई अंतर्मन को भी आर्द्र करती, बरखा में रिमझिम बरसती हुई फुहारों-सी तुम हो। सुनो "मीन" मुझे मुझसे चुरा कर ले गई हो बहुत दूर, लगता है तुम में तुम-सी और मुझ में मुझ-सी तुम हो। ✍️मीना सिंह "मीन" स्वरचित, नई दिल्ली ©Meena Singh Meen

#रंगों-सी तुम #meenwrites #love❤ #Life Udass Afzal khan ❣️Dard ki jaan Irfan Saeed Writer Nisha Tiwari. Jugal Kisओर @Lalit Saxena

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