White सार छंद
मधुर मिठी ये भाषा अपनी, शान अपने वतन की।
सभी लोग अपनाएं हिन्दी, गौरव जन जीवन की।
समय चक्र के फेर में पड़ी,अभिलाषा निज मन की,
हम सबका है पुनित दायित्व, रानी हो उपवन की।
ब्रह्मानन्द गर्ग सुजल©
अध्यापक जैसलमेर।
©BN GARG
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शायरी हिंदी में शेरो शायरी