समझौता (दोहे)
समझौते से जिंदगी, होती नहीं विरान।
मिलजुल कर तुम भी रहो, क्यों बनते नादान।।
समझौता वह कर्म है, बढ़े नहीं खट्टास।
जीवन भी सुखमय बने, आती है ये रास।।
समझौते से विमुख हो, जो रहता इंसान।
मुश्किल भी बढ़ती तभी, जीवन भी शमशान।।
समझौता वरदान है, सभी कहें विद्वान।
अपनों से कैसी गिला, मत बनना अनजान।।
समझौता जो तुम करो, बने नेक पहचान।
जहाँ नहीं ये हो वहाँ, होता है व्यवधान।।
.................................................................
देवेश दीक्षित
©Devesh Dixit
#mm Mumtaz @puja udeshi @Lamha @sherni Royal Love Story 2
#समझौता #दोहे
#nojotohindi #nojotohindipoetry
#sandiprohila
समझौता (दोहे)