पानी अश्क अब जम से जाते है मेरे, गिर ने के बाद ख् | हिंदी Shayari

"पानी अश्क अब जम से जाते है मेरे, गिर ने के बाद ख्वाहिश ए रवानी थी मुझ में भी कभी, नदी सा बह जाऊ ©Kabiraa"

 पानी अश्क अब जम से जाते है मेरे, गिर ने के बाद

ख्वाहिश ए रवानी थी मुझ में भी कभी, नदी सा बह जाऊ

©Kabiraa

पानी अश्क अब जम से जाते है मेरे, गिर ने के बाद ख्वाहिश ए रवानी थी मुझ में भी कभी, नदी सा बह जाऊ ©Kabiraa

#पानी

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