सच नहीं छुपता कुछ झूठों के छुपाने से., बदनाम नहीं | हिंदी शायरी
"सच नहीं छुपता कुछ झूठों के छुपाने से.,
बदनाम नहीं होते लोग इलज़ाम लगाने से.,,
उँगलियाँ उन पर ही उठतीं हैं,
आखिर जिनमें कुछ बात होती है.!
दूसरों को बुरा बोलने वालों की, क्या ख़ाक अपनी औकात होती है..!
@dheeraj"
सच नहीं छुपता कुछ झूठों के छुपाने से.,
बदनाम नहीं होते लोग इलज़ाम लगाने से.,,
उँगलियाँ उन पर ही उठतीं हैं,
आखिर जिनमें कुछ बात होती है.!
दूसरों को बुरा बोलने वालों की, क्या ख़ाक अपनी औकात होती है..!
@dheeraj