White क्यों न मैं अपने इस घर को रंगीन फूलों के | हिंदी कविता

"White क्यों न मैं अपने इस घर को रंगीन फूलों के गुलदस्ते की तरह सज़ा कर रखू यहा हर चेहरे पर हंसी ख़ुशी का मंजर है. सबसे वड़ी बात ये. कि यहां कभी दूसरे के साथ. किसी का टकराव भी नही है ©Parasram Arora"

 White क्यों न मैं 
अपने इस घर को  
 रंगीन फूलों के गुलदस्ते 
की तरह सज़ा कर रखू 

यहा हर चेहरे पर हंसी 
ख़ुशी  का मंजर है.
सबसे वड़ी बात ये.
कि यहां कभी दूसरे के साथ.
किसी  का टकराव भी नही है

©Parasram Arora

White क्यों न मैं अपने इस घर को रंगीन फूलों के गुलदस्ते की तरह सज़ा कर रखू यहा हर चेहरे पर हंसी ख़ुशी का मंजर है. सबसे वड़ी बात ये. कि यहां कभी दूसरे के साथ. किसी का टकराव भी नही है ©Parasram Arora

गुलदस्ता

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