क्यों फंस गई हो मेरे अश्क-ए-जाल में,
मुझ-सा कोई दगाबाज नहीं यहां।
उतरते गर मेरी आंखों में,
तो शायद तैरना सीख जाते तुम।
©S.Kay_Hindustani
क्यों फंस गई हो मेरे अश्क-ए-जाल में,
मुझ-सा कोई दगाबाज नहीं यहां।
उतरते गर मेरी आंखों में,
तो शायद तैरना सीख जाते तुम।#devdas