मै तो आज भी रोजा हूँ मै कल भी रहूँगी/ रहूँगा
मै ज्यादा रोजे नहीं छोड़ती/ छोड़ता, तुम रोज़ा हो?
अरे फला इंसान तो रोज़ा ही नहीं हमको तो लगता
वह रहते ही नहीं, हुं हम तो भैया रोज़ा नहीं छोड़ते!
यह सब क्या है, अरे हम रोज़ा हैं या तुम रोज़ा हो
तो हम किसी दूसरे पर अहसान नहीं करते हैं, जो
सबको जताते रहते हैं, ये तो हम पर फर्ज़ हैं, और अगर
कोई इंसान नहीं रख पा रहे हैं रोजे तो यह भी तो हो
सकता है कि वह हमारी तरह रोज़ा रख पाने में सक्षम
ना हों, उनकी कोई मज़बूरी हो वह बीमार रहते हों
या उनकी दवा चलती हो या फिर कोई और बात हो
फिर ऐसे में उनको शर्मिंदा करना शायद सही नहीं है!
हाँ भले ही हम उन लोगों को हिदायत दे सकते हैं
जो हट्टे कट्टे हों और रोज़ा ना रखते हों, उनको समझा
सकते हैं उनको रोजे की बरकत समझा सकते हैं,
बाकि अल्लाह से दुआ कर सकते हैं, की अल्लाह
हम सबको ज्यादा से ज्यादा रोजे रखने की तिलावत
करने की तौफीक़ अता फरमाये आमीन 🤲
©Dolly
#ramadan