खेल खिलौने और कागज़ की नांव छोड़ आया,
छोटी सी उम्र मे में अपना गाँव छोड़ आया ।।
शहर मे आकर परेशान थका हारा रहता हूँ,
वो आरामदायक खेजड़ी की छाँव छोड़ आया ।।
ज़िन्दगी की नोकरी ने दिखाए थे कुछ सपने,
में अपने पीछे किसी को नंगे पाँव छोड़ आया ।।
- Mc Choudhary
#hindishayri #hindinojoto #hindisahitya #yq