चाहे मुद्दा कितना ही गंभीर क्यों न हो,
अगर इरादे नेक है तो भगवान आपका
सहयोग भी करेंगे और आपको दिखेंगे भी।
क्यूंकि
भगवान इस संसार के कण-कण में हैं।
इसलिए भगवान शब्द की रचना
पंचतत्वों (भूमि, गगन, वायु, आग, नीर)
के मिश्रण से हुई है।
जैसे: भ - भूमि, ग - गगन, व - वायु,
आ - आग, न - नीर (पानी)।
©Sanjeev Kumar
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