हर वक्त खुदको नए कामों में उलझाया रखो सबों की तरह, | हिंदी Shayari

"हर वक्त खुदको नए कामों में उलझाया रखो सबों की तरह, वरना लकड़ी का सूखापन ही होता है सबब उसको जलाने में।। ©Atul Kumar Ashish"

 हर वक्त खुदको नए कामों में उलझाया रखो सबों की तरह,
वरना लकड़ी का सूखापन ही होता है सबब उसको जलाने में।।

©Atul Kumar Ashish

हर वक्त खुदको नए कामों में उलझाया रखो सबों की तरह, वरना लकड़ी का सूखापन ही होता है सबब उसको जलाने में।। ©Atul Kumar Ashish

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