कांधे पर मेरे ज़िम्मेदरियां हैं बहुत सारी, सपने तो | हिंदी शायरी
"कांधे पर मेरे ज़िम्मेदरियां हैं बहुत सारी,
सपने तो फिर सजा लूंगा।
दुनियां खड़ी है उंगली उठाने को सारी।
इन्हें मना लू, अपने दिल को फिर मना लूंगा।
-Arpita Tiwari"
कांधे पर मेरे ज़िम्मेदरियां हैं बहुत सारी,
सपने तो फिर सजा लूंगा।
दुनियां खड़ी है उंगली उठाने को सारी।
इन्हें मना लू, अपने दिल को फिर मना लूंगा।
-Arpita Tiwari