तन्हाई से दूर अपना एक आशियाँ बनाएंगे,
महकते रंग बिरंगे खुशियों के बाग लगाएंगे,
ना हो कोई रंजिश ना हो कोई परेशानी,
अंधेरे को गुम करने को इतनी ज्योत जलायेंगे,
मिश्री घोलेंगे हवाओं में हर कतरा महकायेंगे,
ना किसी से द्वेष भाव सबको पास बिठाएंगे,
बात बात में दिन रात में प्यार की राग सुनाएंगे
तन्हाई से दूर अपना एक आशियाँ बनाएंगे।।
©Sp Maurya
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