#नींव
आकाश कुरेद्ती आंखें
लौटकर नींव तक ही आती हैं
जा बसना उस ऊंची इमारत
के फालतूनुमा फ्लैट में
जहां नीम की ठंडी छांव
क्या नही कभी तरसाती है ?
चूहों से बिलों में बसेरा हुआ है
जो गांव मेरा था अब तेरा हुआ है
नींव से जुड़े रहना जरूरी है
बिना नींव इमारत अधूरी है
गिरती इमारतों और मनो में भी
मृग तृष्णा बिन कस्तूरी है
©️prerrit.88
#Heart