क्यों सुनो तुम ,,पराए लोगो की ।
भाड़ में जाए ,, राय लोगो की ।।
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तजुर्बा है ,,तो मैं समझता हूं,,
मतलबी हैलो हाय लोगो की ।।
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यार लाशें उठानी पड़ती है ,,
उमर भर के कमाए लोगो की ।।
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गुफ्तगू सुनने वाली होती है ,,
जिंदगी के सताए लोगो की ।।
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क्यों सुनो तुम ,,पराए लोगो की ,
भाड़ में जाए ,, राय लोगो की ।।
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©Dr. of thuganomics
#Baagh