की मेरे गाँव मे अब वो पहले जैसी शाम नही होती मंदिरों में भजन ओर मस्जिदों में अब वो अज़ान नही होती और मेरी कलम हमेशा अपनी हद में ही लिखती गर मेरे गाँव की रंगत यूँ शहरों के आगे गुमनाम ना होती..
©aditya vikram
#की मेरे गाओं में अब वो पहले जैसी शाम नहीं होती
#SunSet Deepti Srivastava __Anika__ kavita ranjan दिव्य मनोरथ اسلم انساری