धर्म.1 बेच कर धर्म.2 को निभाया जा रहा देखा कैसे इ | हिंदी कविता

"धर्म.1 बेच कर धर्म.2 को निभाया जा रहा देखा कैसे इंसानियत खत्म हो रही इंसान को इन्सान से लड़वाया जा रहा कैसे मिटेगी गरीबी? जवाब सुनिएगा इसी लिए तो गरीबों को हटवाया जा रहा अगर मजहब नहीं सिखाता आपस मे बेर रखना तो बताइए फिर कौन लड़वाये जा रहा हिंदू कहे सृष्टि भगवान ने बनाई है तो पूछना चाहूंगा क्या मुस्लिम उसमें नही और मुस्लिम कहे की कायनात का मालिक रब है तो पूछना चाहूंगा क्या उसमें नही आते सब है खुदा, भगवान ये हमारे द्वारा कृतमान है सबसे बड़ा धर्म इंसानियत बाकि ये सृष्टि कौन चला रहा है हजारों सालों से रहस्यमान है आज जो धर्म.3 पर अडिग है वो भगवान है शिवराज धर्म 1,3=ईमान, कृतव्य 2=मजहब ©Shivraj Solanki"

 धर्म.1 बेच कर धर्म.2 को निभाया जा रहा 
देखा कैसे इंसानियत खत्म हो रही 
इंसान को इन्सान से लड़वाया जा रहा
कैसे मिटेगी गरीबी?
जवाब सुनिएगा 
इसी लिए तो गरीबों को हटवाया जा रहा
अगर मजहब नहीं सिखाता आपस मे बेर रखना
तो बताइए फिर कौन लड़वाये जा रहा 
हिंदू कहे सृष्टि भगवान ने बनाई है 
तो पूछना चाहूंगा क्या मुस्लिम उसमें नही 
और मुस्लिम कहे की कायनात का मालिक रब है 
तो पूछना चाहूंगा क्या उसमें नही आते सब है
खुदा, भगवान ये हमारे द्वारा कृतमान है
सबसे बड़ा धर्म इंसानियत
बाकि ये सृष्टि कौन चला रहा है 
हजारों सालों से रहस्यमान है
आज जो धर्म.3 पर अडिग है वो भगवान है 
 
शिवराज
धर्म 1,3=ईमान, कृतव्य 2=मजहब

©Shivraj Solanki

धर्म.1 बेच कर धर्म.2 को निभाया जा रहा देखा कैसे इंसानियत खत्म हो रही इंसान को इन्सान से लड़वाया जा रहा कैसे मिटेगी गरीबी? जवाब सुनिएगा इसी लिए तो गरीबों को हटवाया जा रहा अगर मजहब नहीं सिखाता आपस मे बेर रखना तो बताइए फिर कौन लड़वाये जा रहा हिंदू कहे सृष्टि भगवान ने बनाई है तो पूछना चाहूंगा क्या मुस्लिम उसमें नही और मुस्लिम कहे की कायनात का मालिक रब है तो पूछना चाहूंगा क्या उसमें नही आते सब है खुदा, भगवान ये हमारे द्वारा कृतमान है सबसे बड़ा धर्म इंसानियत बाकि ये सृष्टि कौन चला रहा है हजारों सालों से रहस्यमान है आज जो धर्म.3 पर अडिग है वो भगवान है शिवराज धर्म 1,3=ईमान, कृतव्य 2=मजहब ©Shivraj Solanki

धर्म बेच कर धर्म को निभाया जा रहा


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