आजकल मेरी फिक्र करने वाला
कोई नहीं है.....
मेरी माँ के सिवाय....
लेकिन मैं जरा भी मायूस नहीं हूँ,
ये मेरी जिन्दगी है.....
इस पर मेरा हक है।
समय का पहिया
घूमता ही रहता है,
पुराने लोग बिछड़ जाते हैं,
तो नये दोस्त बन जाते हैं।
परन्तु उनकी यादें हमेशा घर कर जाती हैं दिल में......
जो हमारे साथ नहीं।
किस्सा एक मेरा भी ऐसा ही है,
कुछ अनकहा सा, कुछ अनसुना सा....
कुछ रंगीन सा, कुछ हसीन सा
पर वक़्त के सांचे में सबको ढ़लना पड़ता है......
मैं भी था, जो ढ़ल गया....
पर वो मिल ना सका,
जिसका मुझे इंतजार था.....