अपने को जान कर समझ कर स्थिर हो जाना ही मोक्ष कहलात | हिंदी विचार

"अपने को जान कर समझ कर स्थिर हो जाना ही मोक्ष कहलाता है इसमें जो कार्य होते हैं वही भक्ति है जो सहायक होते हैं वह सतगुरु कहलाते हैं धन निरंकार जी ©Shyam Ved"

 अपने को जान कर समझ कर स्थिर हो जाना ही मोक्ष कहलाता है इसमें जो कार्य होते हैं वही भक्ति है जो सहायक होते हैं वह सतगुरु कहलाते हैं 
धन निरंकार जी

©Shyam Ved

अपने को जान कर समझ कर स्थिर हो जाना ही मोक्ष कहलाता है इसमें जो कार्य होते हैं वही भक्ति है जो सहायक होते हैं वह सतगुरु कहलाते हैं धन निरंकार जी ©Shyam Ved

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