तेरी यादों में कितनी रातें गुजारी हैं
तारों की छांव में मैंने रातें बितायी हैं
उन तन्हा रातों में कुछ राज मैंने जाना है
कुछ अनकहे किस्सों को अब जाकर पहचाना है
तारों की चमक सिर्फ़ अंधेरों में खिलती है
जैसे ख़्वाबों में ही उसकी तस्वीर मुझे दिखती है
चाँद की चाँदनी भी मानो जैसे एक छलावा है
सूरज से लेती रोशनी और करती बस दिखावा है
आँसुओं का क्या कहूँ इनकी अलग कहानी है
आंखों में रहती मेरी लेकिन जब बहती तो बेगानी है
कभी पलकों में कैद हो कभी आंखों से लुढ़क जाती है
वीरान रातों में देखो अक्सर ये बहक जाती है ....
yas
#lovebeat