रहो जमीं पे मगर आसमां का ख्वाब रखो,
तुम अपनी सोच को हर वक्त लाजवाब रखो.
खड़े न हो सको इतना न सर झुकाओ कभी,
तुम अपने हाथ में किरदार की किताब रखो.
उभर रहा जो सूरज तो धूप निकलेगी,
उजालों में रहो मत धुंध का हिसाब रखो.
मिले तो ऐसे कि कोई न भूल पाये तुम्हें,
महक वफा की रखो और बेहिसाब रखो.
©Kritika
#allalone