वो शाम तेरे शहर की, गज़ब है एक लहर सी.. मेरी ग़ज़ल

"वो शाम तेरे शहर की, गज़ब है एक लहर सी.. मेरी ग़ज़ल से होती हुई, हो जाती है ठहर सी.. पहर वो रात का, काला आसमान नज़र आता है.. बेवफ़ाई का बादल आता, और बरसात करके चला जाता है.. मेरी आंखों का पानी, तेरी गलियां बना देता है नहर सी.. मेरी ग़ज़ल से होती हुई, हो जाती है ठहर सी.."

 वो शाम तेरे शहर की,
गज़ब है एक लहर सी..
मेरी ग़ज़ल से होती हुई,
हो जाती है ठहर सी..
पहर वो रात का,
काला आसमान नज़र आता है..
बेवफ़ाई का बादल आता,
और बरसात करके चला जाता है..
मेरी आंखों का पानी,
तेरी गलियां बना देता है नहर सी..
मेरी ग़ज़ल से होती हुई,
हो जाती है ठहर सी..

वो शाम तेरे शहर की, गज़ब है एक लहर सी.. मेरी ग़ज़ल से होती हुई, हो जाती है ठहर सी.. पहर वो रात का, काला आसमान नज़र आता है.. बेवफ़ाई का बादल आता, और बरसात करके चला जाता है.. मेरी आंखों का पानी, तेरी गलियां बना देता है नहर सी.. मेरी ग़ज़ल से होती हुई, हो जाती है ठहर सी..

People who shared love close

More like this

Trending Topic