White माता- पिता अपनी मर्जी से कराईं गईं विवाहोपरांत अगर अपनी बेटी की अर्थी अपने घर लाने को मजबूर हैं तो इससे लाख गुना बेहतर है कि आप अपनी क्षणिक इज्जत की लाश को दरकिनार कर उन्हें अपनी जिंदगी बसाने में अवश्य सहायता करें!!
अपनी क्षणिक पारिवारिक- सामाजिक, इज्जत की होड़ में आकर उन्हें अपनी जीवन-लीला समाप्त करने को मजबूर न करें॥
©Rustam Juli Yadav
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