वो गुलाब ही क्या कि, जिसमें कांटे न हों‌। वो मंज़िल ही क्या कि, जिसकी जानिब रूकावटें न हो। जानिब = ओर, तरफ #DawnSun Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto