"के बात, बस इतनी सी थी,
वो कहते रहे, हम सुनते रहे ll
चिकनी मिट्टी से सपनों मे,
पुआल की चादर बुनते रहे ll
क्या पता था वो,
माहिर हैँ, खिलौने बनाने मे,
सात रंग दिखाके,
नीला ज़हर भरते रहे ll
के बात, बस इतनी सी थी
वो कहते रहे, हम सुनते रहे ll
©Pankaj Dinkar"