हिंदी मेरी पहचान है, हिंदी दिवस मेरे अंतर से उठती | हिंदी Poetry

"हिंदी मेरी पहचान है, हिंदी दिवस मेरे अंतर से उठती है, मेरे होंठों से गाती है मैं रोता हूं तो रोती है, हंसू तो मुस्कुराती है मैं हिंदी सच कहूं तो यार, मेरी मां के जैसी है तड़पता देखकर मुझको, गले से आ लगाती है ©नितिन कुमार 'हरित'"

 हिंदी मेरी पहचान है, हिंदी दिवस मेरे अंतर से उठती है, मेरे होंठों से गाती है
मैं रोता हूं तो रोती है, हंसू तो मुस्कुराती है
मैं हिंदी सच कहूं तो यार, मेरी मां के जैसी है
तड़पता देखकर मुझको, गले से आ लगाती है

©नितिन कुमार 'हरित'

हिंदी मेरी पहचान है, हिंदी दिवस मेरे अंतर से उठती है, मेरे होंठों से गाती है मैं रोता हूं तो रोती है, हंसू तो मुस्कुराती है मैं हिंदी सच कहूं तो यार, मेरी मां के जैसी है तड़पता देखकर मुझको, गले से आ लगाती है ©नितिन कुमार 'हरित'

अनंत शुभकामनाएं
#NitinKrHarit

#Hindidiwas

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