"पंख अभी समेटो मत,
अभी उड़ान का सफ़र
शुरू हुआ है।
उड़ान के सफ़र में अभी कई
मुश्किलें आएगी।
अपने परो खोल,
मंजिल कि ओर उड़ान भर।
खुद को मंजिल कि ओर उड जाने दो
कठिन रास्तों से घबराना मत।
मंजिलें तेरा इंतज़ार कर रही है।
सफ़र को तय कर मंजिल तक पहुंच।
©Nikita Garg
"