आये हैं दिन, लौटकर बहार के।
बीत गये अब दिन इतंजार के।
न यूँ मुझसे मुँह मोड़ कर जा,
भूल भी जा वो दिन तकरार के।
तुमसे वास्ता मेरा हर जन्म का,
तुमसे ही सपने सुहाने संसार के।
बात-बात पे यूँ न रूठा करो तुम,
कहीं बीत न जाये दिन प्यार के।
याद कर के वही 'गीत' पुराने मेरे,
रह ना पाओगे, बिन इकरार के।
©Sneha Agarwal 'Geet'
#Youme
#स्नेहा_अग्रवाल #sneha_geet
#साहित्य_सागर #sahityasagar
#रूबरू_है_जिंदगी