"ज़िंदगी में सारा झगड़ा ही ख़्वाहिशों का है कि मिट जाये सारी ख़्वाहिशें अब ज़िंदगी से|
क्योंकिअब उठ सा गया हैं भरोसा बंदगी से||
खुद से जादा करते थे उस पर यकीन कभी|
टूटा जो दिल तो नफरत हो गयी आश़िकी से||
💞रश्मि💞"
ज़िंदगी में सारा झगड़ा ही ख़्वाहिशों का है कि मिट जाये सारी ख़्वाहिशें अब ज़िंदगी से|
क्योंकिअब उठ सा गया हैं भरोसा बंदगी से||
खुद से जादा करते थे उस पर यकीन कभी|
टूटा जो दिल तो नफरत हो गयी आश़िकी से||
💞रश्मि💞